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एम4पीन्यूज| 

ऑस्ट्रेलिया ने मंगलवार को अपने उस वीजा प्रोग्राम को रद्द कर दिया, जिसका इस्तेमाल 95 हजार से ज्यादा विदेशी कामगार करते थे। इनमें से अधिकांश भारतीय हैं, जिनके बाद ब्रिटेन और चीन का नंबर आता है। ऑस्ट्रेलिया के मुताबिक, देश में बढ़ती बेरोजगारी से निपटने के लिए यह कदम उठाया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस वीजा कार्यक्रम के तहत 30 सितंबर 2016 तक ऑस्ट्रेलिया में 95,757 वर्कर काम कर रहे थे। अब इसकी जगह पर नई बंदिशों के साथ नया वीजा कार्यक्रम लाया जाएगा।

रद्द किए गए वीजा प्रोग्राम का नाम है- 457 वीजा। इसके जरिए कंपनियों को स्किल्ड जॉब्स में विदेशी कामगारों को अधिकतम चार साल तक रखने की इजाजत मिलती है। यह ऐसा क्षेत्र है, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई कामगारों की कमी मानी जाती है। ऑस्ट्रेलिया के पीएम मैल्कम टर्नबुल ने कहा, ‘हम प्रवासियों का देश हैं, लेकिन यह भी सच है कि ऑस्ट्रेलिया में नौकरियों के लिए ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को वरीयता मिलनी चाहिए। इस वजह से हम अस्थाई तौर पर विदेशी कामगारों को हमारे यहां आने की इजाजत देने वाले 457 वीजा को खत्म कर रहे हैं। हम 457 वीजा को अब उन नौकरियों तक पहुंचने का जरिया नहीं बनने देंगे, जो ऑस्ट्रेलिया के लोगों को मिलनी चाहिए।’ पीएम ने कहा कि स्किल्ड जॉब्स के क्षेत्र में वह ‘ऑस्ट्रेलियन फर्स्ट’ की नई नीति अपनाने जा रहे हैं।

ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा कि नए वीजा कार्यक्रम के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऑस्ट्रेलिया में अहम स्किल्स की कमी को भरने के लिए ही विदेशी कामगारों को लाया जाए। इसलिए नहीं कि किसी कंपनी को किसी ऑस्ट्रेलियाई को हायर करने की परेशानी से बचने के लिए विदेशी को रखने में सहूलियत होती है। टर्नबुल का यह ऐलान ऐसे वक्त में सामने आया है, जब हाल ही में वह भारत दौरे से लौटे हैं। यहां उन्होंने सिक्यॉरिटी, आतंकवाद, शिक्षा, ऊर्जा जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श किया था। इसके अलावा, छह समझौतों पर हस्ताक्षर भी हुए थे।


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