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एम4पीन्यूज,चंडीगढ़।

देश का पहला ‘एन्वायरमेंट क्लीयरैंस ऑब्लीगेशन फ्री’ सिटी बनेगा चंडीगढ़

चंडीगढ़ जल्द ही देश का पहला ऐसा शहर बन जाएगा, जहां इमारतों के निर्माण से पहले पर्यावरण मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगी। चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर को ‘एन्वायरमेंट क्लीयरैंस ऑब्लीगेशन फ्री’ सिटी बनने की पहल कर दी है। बाकायदा पर्यावरण मंत्रालय को इस बाबत प्रस्ताव तैयार करके भेज भी दिया गया है। दरअसल, पर्यावरण मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर कहा था कि जो राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भारत सरकार की तरफ से घोषित मॉडल बिल्डिंग बायलॉज-2016 सहित पर्यावरण हितैषी कानून व पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से तय पर्यावरण नियमों के अनुरूप स्टेट बिल्डिंग बायलॉज तैयार करेगा, उन राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में निर्माण योजनाओं को अलग से पर्यावरण मंजूरी लेने की अनिवार्य बाध्यता से मुक्त कर दिया जाएगा।

बिल्डिंग बनाने पर नहीं चंडीगढ़ में अब लेनी पड़ेगी एन्वायरमेंट क्लीयरैंस
बिल्डिंग बनाने पर नहीं चंडीगढ़ में अब लेनी पड़ेगी एन्वायरमेंट क्लीयरैंस 

चंडीगढ़ प्रशासन ने हाल ही में बिल्डिंग बायलॉज-2017 का ड्राफ्ट तैयार किया था, जिसे चंडीगढ़ प्रशासक ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इस बायलॉज में मॉडल बिल्डिंग बायलॉज सहित पर्यावरण से जुड़े सभी पहलुओं को खास तव्वजो दी गई है। इसी को आधार बनाकर चंडीगढ़ वन एवं वन्यजीव विभाग ने अब केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को पत्र भेजा है ताकि चंडीगढ़ में निर्माण योजनाओं को अलग से पर्यावरण मंजूरी लेने की बाध्यता से मुक्त किया जा सके।

वन एवं वन्यजीव विभाग के अधिकारियों की मानें तो मौजूदा समय में चंडीगढ़ की एकमात्र ऐसा केंद्र शासित प्रदेश है, जिसने पर्यावरण हितैषी बिल्डिंग के तय मानकों को ध्यान में रखकर बिल्डिंग बायलॉज को अमलीजामा पहनाया है। अगर केंद्र सरकार की तरफ से ग्रीन सिग्नल मिला तो संभवत: चंडीगढ़ देश का पहला केंद्र शासित प्रदेश होगा, जहां निर्माण योजनाओं को अलग से पर्यावरण मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

 


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