Share it

एम4पीन्यूज़| चंडीगढ़

पंजाब में पिछले दस सालों में जिस किसी ने भी ज़मीन खरीदी वो इस दर्द से जरुर गुज़रा है। रजिस्ट्री कराने वाले को खुलेआम अाफिस में बैठे तहसीलदार अपना कमीशन मांगते हैं। सरेआम कहते हैं कि इसका एक हिस्सा मंत्री को जाना है। रेवेन्यू विभाग की इस कौरी सच्चाई को कोई इंकार नहीं कर सकता। उस पर चुनावों के दौरान किसानों की भलाई सोचने वाली मौजूदा सरकार के दावों पर कोई कितना भरोसा कर सकता है, इसका तो फैसला जनता जल्द कर ही देगी, लेकिन पिछले दस सालों में जितने जमीनों के दाम सौ गुना बढ़े उससे कई ज्यादा रेवेन्यू विभाग के तहसीलदारों, कलेक्टरो व विभाग के मंत्रियों के जेबें हजार गुणा हरी हुई हैं।

मोहाली से अंगम सिंह ने कहा कि उन्होंने् अभी कुछ माह पहले ही बड़ी करोड़ा में प्रापर्टी ली है। वहां के तहसीलदार ने साफ साफ पांच परसेंट कमीशन मांगा। उन्होंने कहा कि किसी को जांचना ही है कि इस खबर में कितनी सच्चाई है तो इतना देख लीजिए सरकारी नौकरी पर एक तहसीलदार महज 60 हजार रुपए कमाता है, लेकिन अॉडी का कार है। करोड़ों की कार, करोड़ों की संपति जो कभी इंकम टैक्स विभाग को दिखाई नहीं देती। पंजाब एेसे रईस सरकारी अधिकारियों से भरा पड़ा है। पटियाला में हाल ही में 150 गज प्लॉट की रजिस्ट्री करा चुके अमन अरोड़ा ने बताया कि अगर सरकार इतनी इमानदार है तो इन लोगों पर आज तक कोई कार्रवाही क्यों नहीं हुई।

Share it

By news

Truth says it all

Leave a Reply