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एम4पीन्यूज। चंडीगढ़ 

सिटी ब्यूटिफुल की स्मार्ट पुलिस दावे तो बहुत करती है लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। शहर में हिट एंड रन की दुर्घनाओं के मामलों में फरार आरोपियों को पकड़ने में नाकाम साबित हुई है। 2012 से 2016 तक शहर में हिट एंड रन के 353 मामले पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हैं। लेकिन वाबजूद इसके पुलिस इन मामलों को गंभीरता से नहीं ले रही है जिसके चलते आरोपी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2012 से सितंबर 2016 तक इन 4 साल में चंडीगढ़ में हिट एंड रन की दुर्घटनाओं के 353 मामले दर्ज किए गए हैं। इन चार सालों पुलिस इन आरोपियों को पकडऩे के बजाए इनकी पहचान भी नहीं कर पाई है।

 

पुलिस के आंकड़ों से पता चलता है कि 2016 में 426 एक्सिडेंट शहर में हुए, जिनमें से 145 घातक एक्सिडेंट थे 281 नार्मल एक्सिडेंट। पुलिस कई आरोपी वाहन चालकों को ट्रेस करने में असमर्थ थे।

 

2015 में, कुल 416 दुर्घटनाओं हुई हैं। जिसमें से पुलिस 128 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज गया है। लेकिन पुलिस इन 128 मामलों में से एक को भी पकडऩे में अभी तक कामयाब नहीं हो पाई है। ये आरोपी अभी भी पुलिस की पहुंच से बाहर हैं और अभी तक पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है। ये वे आरोपी हैं जो मौके से फारर हो जाते हैं जिन्हें पुलिस आज तक ट्रेस नहीं कर पाई है। इन दुर्घनाओं में कई पीड़ितों की मौके पर ही मौत हुई है या बाद में उनकी मौत हो गई।

 

सैक्टर-31 थाना पुलिस में इन चार साल में 43 अनट्रेस मामलों में सूची में सबसे ऊपर है। इस तरह के मामलों का पता लगाने में पुलिस का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। 2012 से 2016 में सैक्टर-31 थाना पुलिस के एरिया में 98 हिट एंड रन के मामले दर्ज किए गए हैं। जिनमें से 55 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जबकि 43 आरोपी फरार हैं।

 

वहीं शहर के तीन पुलिस स्टेशन ऐसे हैं जहां एक भी हिट एंड रन की दुर्घनाओं के मामले का पता नहीं लगा पाए हैं। इंडस्ट्रियल एरिया थाना पुलिस ने 33 हिट एंड रन मामलों दर्ज किए हैं। जिसमें से एक भी आरोपी को पकडऩे में पुलिस कामयाब साबित नहीं हो पाई है। इन 33 हिट एंड रन के दुर्घनाओं में 20 लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन पुलिस आरोपियों को पकड़ नहीं पाई है।
इसी तरह हिट एंड रन के 24 मामले सैक्टर-17 पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए हैं। इन दुर्घनाओं में 11 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। लेकिन लेकिन पुलिस के भी मामले में आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। सैक्टर-49 पुलिस स्टेशन हिट एंड रन के दो मामले दर्ज हैं इन दोनों मामलों में पीड़ित लोगों की मौत हो चुकी है जिसके चलते आरोपियों की पहचान नहीं हो पाई है और आरोपी पुलिस की गिरफ्त से फरार चल रहे हैं।

 

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि हिट एंड रन मामलों में एक स्पैशल टीम बनाई जाती हैं जो आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करती है। जिन मामलों में आरोपी की गाड़ी का नंबर को नोट किया जा सके ऐसे आरोपियों को आसानी से पड़का जाता है।


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