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एम4पीन्यूज|मोहाली

कांग्रेस सरकार बनने पर सीएम ने 4 महीने में पंजाब से नशे की समस्या को जड़ से खत्म करने का अाश्वासन दिया तो पुलिस अधिकारी झूठे केस दर्ज करने में जुट गए और नशे बेचने के केसों में जो पहले से नामजद थे, उनकी धरपकड़ शुरू कर दी। जिला मोहाली पुलिस की ओर से नशे के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान विवादों में आ गया है। शनिवार को फेज-1 निवासी एक व्यक्ति को नशे की तस्करी के मामले में उठाना सीआइए स्टाफ को महंगा पड़ गया।

सीसीटीवी फुटेज में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें साफ दिखाई दिया कि पहले शुक्रवार सुबह करीब साढ़े 4 बजे एक व्यक्ति फेज-1 निवासी प्रिंस की एक्टिवा की डिग्गी में नशीले कैप्सूल का पैकट रखता है और उसके करीब एक घंटे बाद ही सीआईए स्टाफ के एएसअाई गुरप्रताप सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच कर प्रिंस पर उसके घर से उठा लिया और उसके एक्टिवा की तलाशी शुरू होती है। एक्टिवा में से पुलिस ने वही पैकट बरामद किए जो करीब एक घंटे पहले किसी ने प्रिंस की डिग्गी में रखा था। उसके बाद पुलिस प्रिंस को अपने साथ गिरफ्तार करके ले गई। प्रिंस को जब सीआईए स्टाफ की टीम अपने साथ खरड़ पहुंच गई वो वहां जाकर प्रिंस ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वो बेकसूर है उसका इससे कोई लेना-देना नहीं।

कैमरे नहीं लगे होते तो क्या होता
सीआइए प्रिंस को पकड़कर मुख्यालय ले जाती है। प्रिंस के मुताबिक उसने सीआइए के अधिकारियों को कहा कि मामले में उसका कोई लेनादेना नहीं है। इसके बाद वे अपने घर की छत पर लगे सीसीटीवी कैमरे चेक करने को कहते हैं। जिनमें साफ दिखाई दे रहा है कि सुबह साढे़ तीन बजे एक व्यक्ति स्कूटर की डिक्की खोल नशीले कैप्सूल रख रहा है। फुटेज देखने के बाद सीआइए प्रिंस को छोड़ती है।

आरोपी का स्कैच जारी करेंगे
डीएसपी आलम विजय ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। जाच की जा रही है। सीसीटीवी में जो व्यक्ति कैप्सूल रखता नजर आ रहा है उसका स्कैच जारी किया जाएगा। आरोपी को जल्द पकड़ लिया जाएगा।


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