Share it

एम4पीन्यूज|जयपुर 

जयपुर की विशेष अदालत ने अजमेर बम धमाका मामले में दो दोषियों को सजा सुनाई है। कोर्ट ने देवेंद्र गुप्ता और भावेश पटेल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है जबकि तीसरे दोषी सुनील जोशी की मौत हो चुकी है। 11 अक्टूबर 2007 को अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह परिसर में हुए विस्फोट में 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।

इस मामले में स्पेशल कोर्ट ने स्वामी असीमानंद समेत 7 आरोपियों को बरी कर दिया था। एनआईए की स्पेशल कोर्ट के जज दिनेश गुप्ता ने अजमेर दरगाह परिसर हुए बम विस्फोट मामले में देवेंद्र गुप्ता, भावेश पटेल और सुनील जोशी को दोषी करार दिया था।
कोर्ट ने भावेश और देवेंद्र को सेक्शन 120 (B) के तहत आपराधिक साजिश रचने, 295 (A) के तहत जानबूझकर किसी धर्म के लोगों की भावनाएं आहत करने, एक्सप्लोसिव सब्सटेंस एक्ट और अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट के तहत दोषी करार दिया था।

क्या है मामला?
– 11 अक्टूबर 2007 को शाम 6.15 बजे रोजा इफ्तार के वक्त ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती दरगाह में बम ब्लास्ट हुआ था। इसमें 3 लोग मारे गए थे जबकि 15 घायल हुए थे। मौके से मिले बैग में एक जिंदा बम भी था। इसे डिफ्यूज कर दिया गया था।
– राजस्थान एटीएस ने 20 अक्टूबर 2010 को अजमेर में तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की थी। एक अप्रैल 2011 को एनआईए ने यह केस ले लिया।
– 6 अप्रैल, 2011 को एनआईए ने 13 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था। आठ आरोपी 2010 से जेल में थे। एक आरोपी चन्द्रशेखल लेवे बेल पर बाहर था।
– दोषी करार दिए गए लोगों में से एक सुनील जोशी की हत्या हो गई। संदीप डांगे, रामजी कलसांगरा और सुरेश नायर फरार हैं।


Share it

By news

Truth says it all

Leave a Reply